Computer ka vikas
कंप्यूटर computer अपने आविष्कार के बाद से एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। आज computer ka vikas हमारे जीवन के हर अंग में दिखाई देता है।
पहले कंप्यूटिंग उपकरणों से लेकर आज के स्मार्टफोन और लैपटॉप तक, कंप्यूटर छोटे, तेज और अधिक शक्तिशाली हो गए हैं।
कंप्यूटिंग उपकरणों के विकास ने न केवल हमारे कंप्यूटर का उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है बल्कि हमारे जीने, काम करने और संवाद करने के तरीके को भी बहुत प्रभावित किया है।
इस लेख में हम आपको कंप्यूटिंग उपकरणों के विकास और समाज पर इसके प्रभाव के बारे में बतायेंगे।
Computer ka avishkar kisne kiya
पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर, जिसे Electronic Numerical Integrator and Computer (ENIAC) कहा जाता है, का आविष्कार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जॉन डब्ल्यू मौचली और जे प्रेस्पर एकर्ट द्वारा किया गया था।
ENIAC को पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में बनाया गया था और पहली बार 1945 में प्रदर्शित किया गया था। हालाँकि, कंप्यूटर की अवधारणा ENIAC से पहले की है।
पहले कंप्यूटिंग डिवाइस अबेकस (abacus) और अन्य सरल कैलकुलेटर (calculator) जैसे उपकरण थे जिनका उपयोग बुनियादी गणित गणनाओं के लिए किया जाता था।
कंप्यूटर का आविष्कार भी समय के साथ कई व्यक्तियों और संगठनों के योगदान का परिणाम है, जिसमें कई आविष्कारक और इंजीनियर आधुनिक कंप्यूटर के विकास में योगदान दे रहे हैं।
शुरुआती कम्प्यूटिंग उपकरण (Early computing devices):
पहले कंप्यूटिंग डिवाइस abacus जैसे सरल उपकरण थे, जिनका उपयोग बुनियादी गणित गणनाओं के लिए किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, लोगों ने गणनाओं को तेज और आसान बनाने के लिए नए तरीके ईजाद करने शुरू कर दिए। Computer ka vikas करने में यही उपकरण महत्वपूर्ण बने।
20वीं शताब्दी की शुरुआत में, mechanical calculator का आविष्कार किया गया था जो गणना करने के लिए गियर और लीवर का उपयोग करता था। ये मशीनें बड़ी और भारी थीं और केवल बुनियादी गणित operations ही कर सकती थीं।
1951 में, पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर, UNIVAC का आविष्कार किया गया था। यह एक विशाल मशीन थी जो पूरे कमरे को घेर लेती थी, और इसका उपयोग मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा किया जाता था।
Mainframe Computers kya hai:
1950 और 1960 के दशक में, मेनफ्रेम कंप्यूटर पेश किए गए थे। ये कंप्यूटर आकार में भी बड़े थे और मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा उपयोग किए जाते थे।
वे बनाने और चलाने के लिए बहुत महंगे थे, इसलिए कुछ ही संगठन उन्हें वहन कर सकते थे। मेनफ़्रेम कंप्यूटर ने प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन उनकी अपनी सीमाएँ थीं।
वे आम जनता के लिए सुलभ नहीं थे और केवल विशिष्ट कार्यों के लिए ही उपयोग किए जा सकते थे। हालाँकि, प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, मेनफ्रेम कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली हो गए, और सुपर कंप्यूटर (super computer) विकसित हुए।
(Personal Computer ka vikas / PC kya hota hai ) व्यक्तिगत कम्प्यूटर्स:
1970 और 1980 के दशक में, एक नए प्रकार का कंप्यूटर पेश किया गया जिसे पर्सनल कंप्यूटर (PC) कहा जाता है। ये कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में बहुत छोटे और कम खर्चीले थे, और इनका उपयोग व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों द्वारा किया जा सकता था।
यह एक बहुत बड़ा कदम था, क्योंकि अब अधिक लोगों की कंप्यूटर तक पहुंच थी। पहले पर्सनल कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर जितने शक्तिशाली नहीं थे, लेकिन जैसे-जैसे तकनीक उन्नत हुई, पर्सनल कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली और अधिक किफायती होते गए।
पर्सनल कंप्यूटर की शुरुआत का समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा।
इसके कारण अधिक लोग कंप्यूटर का उपयोग कर पाए, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता में वृद्धि हुई और व्यवसाय, शिक्षा और मनोरंजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर के उपयोग में वृद्धि हुई।
लैपटॉप और मोबाइल कंप्यूटिंग (Laptop and Mobile Computing):
1980 और 1990 के दशक में, लैपटॉप launch हुए, जो पोर्टेबल कंप्यूटर हैं जिन्हें आप कहीं भी ले जा सकते हैं।
यह एक बड़ा कदम था, क्योंकि इसने लोगों को चलते-फिरते कंप्यूटर का उपयोग करने की अनुमति दी थी।
लैपटॉप ने कंप्यूटर को अधिक लोगों के लिए अधिक सुलभ बना दिया क्योंकि वे डेस्कटॉप की तुलना में अधिक किफायती थे।
मोबाइल कंप्यूटिंग के उदय के साथ, 2000 के दशक में स्मार्टफोन और टैबलेट पेश किए गए। ये उपकरण और भी अधिक पोर्टेबल हैं और इन्हें इंटरनेट ब्राउज़ करने, ईमेल भेजने और गेम खेलने जैसी कई अलग-अलग चीज़ों के लिए उपयोग किया जा सकता है। मोबाइल कंप्यूटिंग ने तकनीक का उपयोग करने और उस तक पहुंचने के तरीके को बदल दिया है और लोगों के लिए जुड़े रहना और चलते-फिरते जानकारी प्राप्त करना अधिक सुविधाजनक बना दिया है।
(cloud computing / internet of things kya hota hai ?) क्लाउड कंप्यूटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स
क्लाउड कंप्यूटिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति हैं।
cloud computing kya hota hai ?
क्लाउड कंप्यूटिंग उपयोगकर्ताओं को स्थानीय कंप्यूटर के बजाय इंटरनेट पर डेटा और एप्लिकेशन को स्टोर और एक्सेस करने की अनुमति देती है।
इसने लोगों के लिए अपने डेटा और एप्लिकेशन (Application या Apps ) को कहीं से भी access करना संभव बना दिया है, और छोटे व्यवसायों के लिए काम लागत पर advanced technolgy तक पहुंचना संभव बना दिया है।
Cloud Computing का उदाहरण
इसका सबसे बड़ा उदहारण है Google Docs जो की अब Microsoft Word की तरह इस्तेमाल होने लगा है। जहाँ MS Word को एक कंप्यूटर पर ही स्टोर किया जा सकता है, वहीँ Google Docs एक Cloud Drive में स्टोर होता है जहाँ से आप उसको कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। यही नहीं , आप और आपके टीम मेंबर्स साथ में ही एक ही document पर काम कर सकते हैं।
Internet of Things kya hota hai ?
IoT का मतलब है – उपकरणों की इंटरकनेक्टिविटी (interconnectivity) या सीधे शब्दों में कहें तो उपकरणों की आपस में बातचीत।
इस टेक्नोलॉजी से IoT सक्षम उपकरणों को एक दूसरे के साथ संचार और डेटा share करने की अनुमति मिलती है। इससे स्मार्ट घरों, शहरों और उद्योगों का विकास हुआ है, जिससे हमारा जीवन अधिक सुविधाजनक और कुशल बन गया है।
IoT या Internet of Things का उदाहरण:
स्मार्ट होम्स IoT का एक महत्वपूर्ण उपयोग है। इसके जरिये आप अपने mobile phone से अपने घर के उपकरणों जैसे कि बिजली के स्विच , गीजर वगैरह को control कर सकते हैं। बस ज़रुरत है की आपके उपकरण और आपका मोबाइल फ़ोन इंटरनेट से जुड़े हों।
कंप्यूटिंग उपकरणों के विकास ने हमारे जीने, काम करने और संवाद करने के तरीके को बहुत प्रभावित किया है।
पहले कंप्यूटिंग डिवाइस से लेकर आज के स्मार्टफोन और लैपटॉप तक, कंप्यूटर छोटे, तेज और अधिक शक्तिशाली हो गए हैं।
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ रही है, हम भविष्य में कंप्यूटर से और भी आश्चर्यजनक चीजें देखने की उम्मीद कर सकते हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग और आईओटी में प्रगति अभी आने वाली चीज़ों की एक झलक मात्र है, और भविष्य में ये प्रौद्योगिकियां लाए जाने की संभावनाओं के बारे में सोचना रोमांचक है।
computer ka vikas और हमारे जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में सूचित और शिक्षित रहना महत्वपूर्ण है।
यह लेख आपको कैसा लगा ? अगर आपके कुछ सवाल हैं तो कमैंट्स में बताईये।